विटामिन क्या है ?

विटामिन कार्बनिक यौगिक होते हैं जिनकी आवश्यकता जीवन को बनाए रखने के लिए कम मात्रा में होती है। अधिकांश विटामिन भोजन से आते हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि मानव शरीर या तो उनमें से पर्याप्त उत्पादन नहीं करता है, या यह बिल्कुल भी उत्पादन नहीं करता है। प्रत्येक जीव की विटामिन की अलग-अलग आवश्यकताएं होती हैं। उदाहरण के लिए, मनुष्यों को विटामिन सी, या एस्कॉर्बिक एसिड का उपभोग करने की आवश्यकता होती है, लेकिन कुत्ते नहीं करते हैं। कुत्ते अपनी जरूरतों के लिए पर्याप्त विटामिन सी का उत्पादन या संश्लेषण कर सकते हैं, लेकिन मनुष्य नहीं कर सकते। लोगों को अपने विटामिन डी का अधिकांश भाग सूर्य के प्रकाश के संपर्क में आने से बचाने की आवश्यकता है, क्योंकि यह भोजन में पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध नहीं है। हालांकि, मानव शरीर सूर्य के प्रकाश के संपर्क में आने पर इसे संश्लेषित कर सकता है। अलग-अलग विटामिन की अलग-अलग भूमिकाएँ होती हैं, और अलग-अलग मात्रा में उनकी ज़रूरत होती है।एक विटामिन कार्बनिक पदार्थों के समूह में से एक है जो प्राकृतिक खाद्य पदार्थों में मिनट मात्रा में मौजूद है। सामान्य चयापचय के लिए विटामिन आवश्यक हैं। यदि हम किसी भी प्रकार के विटामिन का पर्याप्त मात्रा में सेवन नहीं करते हैं, तो कुछ चिकित्सकीय स्थितियों का परिणाम हो सकता है।

विटामिन क्या है ?

विटामिन्स के प्रकार

विटामिन्स 13 प्रकार के होते है।

विटामिन ए

विटामिन A का रासायनिक नाम रेटिनॉल है। यह फैट-सॉल्युबलविटामिन है। विटामिन A का मुख्य काम है की हमारी मांसपेशियाँ और हड्डी को मज़बूती और ताकत देना। ये खून में कैल्शियम  का संतुलन बनाये रखता है और मुहासों के इलाज के लिए भी उपयोगी है। इसकी कमी से हमे आँखों के रोग हो सकते है।

विटामिन बी

विटामिन बी – इसके कई रूप है।

विटामिन बी – 1

  • रासायनिक नाम: थाइमिन
  • यह वाटर-सॉल्युबल विटामिन है।
  • स्रोत: सूरजमुखी के बीज, अनाज, आलू, संतरे और अंडे।
  • फायदे: मस्तिष्क को विकसित रखने के लिए बहुत ही उपयोगी है। इसकी कमी से हमे बेरीबेरी रोग हो सकता है

विटामिन बी – 2

  • रासायनिक नाम: राइबोफ्लेविन
  • यह वाटर-सॉल्युबल विटामिन है।
  • स्रोत: केला, दूध, दही, मास, अंडे, हरी बीन्स और मछली।
  • फायदे: त्वचा को अच्छी रखने के लिए बहुत ही उपयोगी है।

विटामिन बी – 3

  • रासायनिक नाम: नियासिन
  • यह वाटर-सॉल्युबल विटामिन है।
  • स्रोत: खजूर, दूध, अंडे, टमाटर, गाजर, एवोकाडो।
  • फायदे: रक्तचाप को नियंत्रण में रखने और सिरदर्द, दस्त को कम करती है।

विटामिन बी – 5

  • रासायनिक नाम: पैंटोथेनिक एसिड
  • यह वाटर-सॉल्युबल विटामिन है।
  • स्रोत: एवोकैडो, अनाज, मांस।
  • फायदे: बालो को स्वस्थ और सफेद होने से बचाता है। इससे तनाव  भी कम होता है।

विटामिन बी – 6

  • रासायनिक नाम: प्यरीडॉक्सीने
  • यह वाटर-सॉल्युबल विटामिन है।
  • स्रोत: अनाज, मांस,केले सब्जियां।
  • फायदे: यह सुबह की थकान कम करता है। तनाव  और अनिद्रा से भी मुख्ती देता है।

विटामिन बी – 7

  • रासायनिक नाम: बायोटिन
  • यह वाटर-सॉल्युबल विटामिन है।
  • स्रोत: अंडे की जर्दी , सब्जियां।
  • फायदे: यह त्वचा और बालो के लिए बहुत ही अच्छा है।

विटामिन बी – 9

  • रासायनिक नाम: फोलिक एसिड
  • यह वाटर-सॉल्युबल विटामिन है।
  • स्रोत: पत्तीदार शाक भाजी, सूरजमुखी के बीज, कुछ फलो  में भी यह होता है।
  • फायदे: यह त्वचा के लोग और गठिया के उपचार हेतु बहुत ही शक्तिशाली है। गर्भवती महिलाओं  को यह लेने ही सलाह दी जाती है।

विटामिन बी – 12

  • रासायनिक नाम: कयनोसोबलमीन
  • यह वाटर-सॉल्युबल विटामिन है।
  • स्रोत: मछी, मास, दूध, अंडे और दूध दे बनाये उत्पादों में यह होता है।
  • फायदे: यह एनीमिया (खून की कमी), मुँह में अलसर जैसी बिमारियों को कम करता है।

विटामिन सी

  • रासायनिक नाम: एस्कॉर्बिक एसिड
  • यह वाटर-सॉल्युबल विटामिन है।

यह हमारी त्वचा और हड्डियों के लिए बहुत ही आवश्यक है। यह किसी घाव को ठीक करने में बहुत ही ज्यादा मदद करता है। विटामिन सी की कमी हम फल  और सब्ज़ियां  खा कर पूरी कर सकते है। टमाटर, ब्रोकोली में अच्छी मात्रा में विटामिन सी होता है। यह गर्भवती महिलाओ, धूम्रपान करने वाले व्यक्तियों को ज्यादा मात्रा में खाना चाहिए।

विटामिन डी

  • रासायनिक नाम: एरगोसेल्सिफेरोल
  • यह फैट-सॉल्युबल विटामिन है।

विटामिन डी  हमारे शरीर में कैल्शियम अब्सॉर्ब करने में बहुत ही मदद करता है। यह हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली को मज़बूत करने में भी मदद करता है, दांतो की सड़न को कम करता है। इसकी कमी से हमे सूखा रोग हो सकता है।
तीन चीज़ो के ज़रिये हमे विटामिन डी  मिल सकता है – त्वचा के माध्यम से, अपने आहार से, और पूरक से। हमारा शरीर खुद विटामिन डी  बना लेता है जब उसे सूरज की रोशनी मिलती है। आहार की बात करे तो दूध और अंडे की जर्दी से भी हमे विटामिन डी मिल जाता है।

विटामिन ई

  • रासायनिक नाम: तोसोफेरोल्स
  • यह फैट-सॉल्युबल विटामिन है।

विटामिन ई हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली मज़बूत बनाता है। वनस्पति तेल, अनाज, बादाम, एवोकैडो, अंडे और दूध से हमे विटामिन ई मिल जाता है। जिन लोगो को किसी प्रकार के यकृत रोग होते है उनको यह ज्यादा लेने के लिए कहा जाता है।

विटामिन के

  • रासायनिक नाम: फीलोक्विनोने
  • यह फैट-सॉल्युबल विटामिन है।

विटामिन के स्वस्थ हड्डियों और ऊतकों के लिए प्रोटीन  बनाकर हमारे शरीर की मदद करता है।

विटामिनस ऐसे कार्बनिक यौगिक हैं जो कि चाहे कम मात्रा में ही सही परन्तु हमारे शरीर के उचित कामकाज के लिए बहुत ही आवश्यक है।

  • यह हमे भोजन से मिलते हैं।
  • हमारा शरीर खुद से विटामिन्स नहीं बनाता या बहुत ही कम मात्रा में बनाता है तो इनकी कमी हम भोजन से पूरी करते हैं।
  • हर जीव-जंतु को अलग अलग तरह के विटामिन्स चाहिए होते हैं।
  • जैसे की मनुष्य का शरीर विटामिन C नहीं बना सकता तो हमे यह भोजन से लेना पड़ता है परन्तु कुछ ऐसे जानवर है जैसे की कुत्ता, जिनका शरीर खुद से विटामिन C बना सकता है।
    • “A” – र – रतौंधी (night blindness)- retinol
    • “B” – बे – बेरीबेरी (beriberi) – thiamine
    • “C” – सा – स्कर्वी (scurvy) – ascarbik acid
    • “D” – रे – रिकेट्स (rickets) – calciferol
    • “E” – वहाँ – बांझपन (infertility) – tocopherol
    • “K” – हैं – हेमोरेजिक (hemorrhagic) – philo Quinone
    • विटामिन्स या तो फैट-सॉल्युबल होते है या फिर वाटर-सॉल्युबल होते हैं
      • फैट-सॉल्युबल वो होते है जो की हमारे शरीर में आसानी से संग्रहीत किये जा सकते हैं।
      • यह फैटी ऊतकों में संग्रहित होते हैं।
      • फैट-सॉल्युबल विटामिन्स हमारे शरीर के अंदर बहुत दिनों तक या महीनों तक भी रह सकते हैं।
      • वाटर-सॉल्युबल विटामिन्स संग्रहित नहीं किए जा सकते। यह हमारे शरीर में ज्यादा देर तक नहीं रहते

विटामिन के रासायनिक नाम और रोग

About Vitamins in Hindi रासायनिक नाम और रोग नीचे दिए गए हैं-

  • विटामिन A- वृद्धि रुकना रतौधी व जीरफ्थेल्मिया, संक्रमण के प्रति प्रभाव्यता, त्वचा और झिल्लियों में परिवर्तन का आना, दोषपूर्ण दांत आदि।
  • विटामिन B1- वृद्धि का रुकना, भूख और वजन का घटना, तंत्रिका विकास, बेरी बेरी, थकान का होना, बदहजमी, पेट की खराबी आदि।
  • विटामिन B2- वृद्धि का रुकना, धुधली दृष्टि का होना, जीभ पर छाले का पड़ जाना, असमय बुढ़ापा आना, प्रकाश ना सह पाना आदि।
  • विटामिन B3- जीभ का चिकनापान, त्वचा पर फोड़े फुंसी होना, पाचन क्रिया में गड़बड़ी, मानसिक विकारों का होना आदि।
  • विटामिन B5- पेशियो में लकवा, पैरो में जलन आदि।
  • विटामिन B6- त्वचा रोग, मस्तिष्क का ठीक से काम ना करना, शरीर का भार कम होना, अनीमिया आदि।
  • विटामिन B7- लकवा की शिकायत, शरीर में दर्द, बालों का गिरना तथा वृद्धि में कमी आदि।
  • विटामिन B12- रुधिर की कमी।
  • विटामिन C- मसूड़े फूलना, अस्थियों के चारो ओर श्राव, जरा सी चोट पर रुधिर निकलना (स्कर्वी ), अस्थियां कमजोर होना आदि।
  • विटामिन D- सूखा रोग (रिकेट्स), कमजोर दांत, दातों का सड़ना आदि।
  • विटामिन E- जनन शक्ति का कम होना।
  • विटामिन K- रुधिर का स्राव होना, ऐंठन, हीमोफीलिया आदि।
  • फोलिक एसिड- अनीमिया तथा डिसेंट्री रोग होता है।

विटामिन के सप्लीमेंट्स कितने फायदेमंद हैं?

कब शरीर में विटामिन की कमी हो जाती है, तो उसकी पूर्ति करने के लिए विटामिन सप्लीमेंट्स का सेवन किया जा सकता है। इसके लिए आप डॉक्टर से बात करके मेडिसिन ले सकते हैं या विटामिन वाले फल-सब्जियां खा सकते हैं:

  • कैल्शियम और विटामिन डी सप्लीमेंट्स हड्डियों को मजबूत रखने और उनके नुकसान को कम करने में मदद कर सकते हैं।
  • फोलिक एसिड कुछ जन्म दोषों के जोखिम को कम करने में मदद कर सकते हैं।
  • गर्भवती महिलाओं को यह सप्लीमेंट लेने की सलाह दी जाती है, ताकि भ्रूण में न्यूरल ट्यूब डिफेक्ट (एक प्रकार का जन्मजात रोग) का जोखिम कम किया जा सके।
  • इसके अलावा, विटामिन सी की गोली के फायदे उम्र से संबंधित बीमारियों जैसे कमजोर होती नजर की परेशानी को कम कर सकते हैं।
  • साथ ही लंबे समय से वजन घटाने वाले आहार खाने वाले लोगों के साथ ही दस्त, सीलिएक रोग, सिस्टिक फाइब्रोसिस या पैंक्रिया में सूजन (Pancreatitis) जैसी समस्याओं से पीड़ित लोग भी विटामिन सप्लीमेंट्स का सेवन करके इसके लाभ ले सकते हैं।

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