कैंसर क्या है ?और, कैसे होता है?
कैंसर क्या है ?
कैंसर एक बहुत ही खतरनाक बीमारी है बहुत कम लोग ऐसे होते है जो इस बीमारी से बच पाते है। कैंसर से शरीर के किसी भी हिस्से की कोशिकाएं अनियंत्रित रूप से विभाजित हो जाती है। अगर यह शरीर के किसी एक हिस्से में है तो यह उस हिस्से से होकर शरीर के सभी हिस्सों में फैलता है। जब शरीर के किसी एक हिस्से में कैंसर होता है तो उसे प्राइमरी ट्यूमर कहते है और जिसके बाद शरीर के दूसरे हिस्सों में जो ट्यूमर होता है उसे मेटास्टेटिक या सेकेंडरी ट्यूमर कहते है।
कैंसर कैसे होता है?
कोशिकाओं की विभाजन की प्रक्रिया जब बेकाबू हो जाती है तो कैंसर होता है शरीर की कोशिकाओं के बँटवारे पर हमारे जीन का कंट्रोल होता है। शरीर विभिन्न कोशिकाओं से मिलकर बना होता है शरीर में बदलाव होने के कारण यह कोशिकाएं बदलती रहती है।जब यह कोशिकाएं अनियंत्रित होकर बढती है और पूरे शरीर में भी फैल जाती है तब यह शरीर के दूसरे हिस्सों को काम करने में परेशानी देती है। जिसकी वजह से उन हिस्सों पर कोशिकाओं की गाँठ या ट्यूमर बन जाता है जिसे कैंसर कहते है और यही ट्यूमर सबसे घातक होता है जो बढ़ता जाता है।
कैंसर के प्रकार
स्तन कैंसर :-ज्यादा प्रसव व शिशु को स्तन पान ना कराने से स्तन कैंसर होता है। डिबग्रंथी (ओवरी) से जो हार्मोन उत्सर्जित होते है वह भी स्तन कैंसर को पैदा करते है।
मुख का कैंसर:-तम्बाकू का सेवन करना मुख और गले के कैंसर होने के का मुख्य कारण होता है। मुख में कोई गाठ, मुँह में सफ़ेद दाग, घाव या पित्त का बन जाना मुँह खोलने और बोलने में तथा निगलने में दिक्कत होना मुख के कैंसर का कारण होता है।
ब्लड कैंसर:-एक्सरे और विकिरण प्रणाली की वजह से किरणें यदि शरीर के अंदर प्रवेश हो जाती है तो यह अस्थियों को प्रभावित कर देती है। जिससे उसके अंदर खून के सेल्स भी प्रभावित होते है। बुखार का बहुत दिनों तक बने रहना, जोड़ों व हड्डियों में दर्द, मुख से खून निकलना, प्लीहा व लसिका ग्रंथियों के आकार में वृद्धि होना, सांस लेने में दिक्कत होना रक्त कैंसर के कारण हो सकते है।
लंग कैंसर:-ख़ासी के साथ खून आना, निरंतर हल्की ख़ासी बने रहना, आवाज़ में बदलाव आना, सांस लेने में दिक्कत होना लंग कैंसर के कारण होते है।
सर्वाइकल कैंसर:-इसकी प्रारंभिक अवस्था भूख की कमी होना, पीड़ा, वजन कम होना, एनीमिया होना है।
आमाशय का कैंसर:-खून की कमी होना, कभी-कभी खून की उल्टी होना, पेट में दर्द होना, भूख कम लगना इस कैंसर के लक्षण हो सकते है।
ब्रेन कैंसर:-ब्रेन कैंसर में मस्तिष्क में या स्पाइनल कार्ड में गाँठ होती है। जिसके कारण उल्टी होना, चक्कर आना, सांस लेने में दिक्कत, भूलने जैसी बीमारी होती है।
कैंसर के लक्षण
- खून की कमी जिससे एनीमिया होता है , तेज बुखार आ जाना और बुखार का लम्बे समय तक ठीक ना होना, थकान और कमज़ोरी होना।
- ख़ासी के साथ खून आना, लंबे समय तक कफ़ होना, कफ़ के साथ म्यूकस आना।
- स्तन में गांठ, माहवारी के समय अधिक स्त्राव होना।
- खाने और निगलने में दिक्कत होना, शरीर के किसी भाग में गाँठ और सूजन होना, गले में किसी प्रकार की गाँठ होना।
कैंसर से बचने के उपाय
एल्कोहल से दूर रहे:-ज्यादा शराब कैंसर का कारण भी हो सकती है। ड्रिंक में एल्कोहल की मात्रा ज्यादा होना कैंसर का खतरा बहुत ज्यादा बढ़ा देती है। एल्कोहल की ज्यादा मात्रा शरीर के लिए ठीक नहीं होती है। इसलिए किसी भी प्रकार के नशे का सेवन नहीं करना चाहिए।
वायरस और बैक्टीरिया से करे बचाव:-ह्यूमन पैपिलोमा वायरस से सर्वाइकल कैंसर हो सकता है। इससे बचने के लिए शारीरिक सम्बन्ध व सफाई का खास ध्यान रखना चाहिए। पेट में अल्सर पैदा करने वाले हेलिकोबैक्टर पाइलोरी से पेट का कैंसर भी हो सकता है।
महिलाओं को पेप स्मियर जांच:–महिलाओं को यह जाँच करवाना ज़रुरी होता है। यह बच्चेदानी के कैंसर की पहचान और सम्भावना जाँचने के लिए की जाने वाली सरल, सस्ती और पक्की जाँच है। इस जाँच में गर्भाशय में स्पैचुला डाले जाते है। जिससे नमूने के रूप में सेल्स निकाले जाते है फिर उनकी जाँच की जाती है। शादी के तीन साल बाद प्रत्येक दो साल में यह जांच सभी महिला को करवानी चाहिए।
स्वस्थ आहार का सेवन करे:-फल, सब्जी व अनाज का सेवन भरपूर करे, रेशेदार भोजन का ज्यादा सेवन करे। शाकाहार में जो विटामिन मौजूद रहते है वह शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाते है। जिससे कैंसर बीमारी पैदा नहीं करते है। तेज आंच पर पकी चीजें कम खाए।
शक्कर का सेवन कम करे:-शक्कर का सेवन कम से कम करना चाहिए। एक शोध में यह पता चला है की महिलाओं में कोलोरेक्टल कैंसर की सम्भावना शक्कर के सेवन से बढ़ जाती है।
तेल का सेवन कम करे:-खाने के तेल का प्रयोग करने के पहले यह देख ले की आप जिस तेल का प्रयोग कर रहे है वह कितना फ़ायदेमंद है और स्वास्थ्य पर उसका क्या प्रभाव पड़ता है। खाना पकाने में आप ऑलिव ऑयल या कोकोनट ऑयल, सरसों, मूंगफली के तेल का प्रयोग कर सकते है।
कैंसर का इलाज
कीमोथेरेपी:–कीमोथेरेपी में ड्रग्स और दवाइयों के द्वारा कैंसर के सेल्स को खत्म किया जाता है। कुछ प्रकार की कीमोथेरेपी में आईवी (नसों में सुइयों द्वारा) से इलाज किया जाता है और कुछ कीमोथेरेपी में दवाई दी जाती है। यह दवाईयां पूरे शरीर में अपना असर दिखाती है और पूरे शरीर में हो रहे कैंसर को ठीक करती है।
सर्जरी:-सर्जरी में इफ्फेक्टेड एरिया को शरीर से अलग किया जाता है। जैसे ब्रैस्ट कैंसर है तो ब्रैस्ट को शरीर से हटा दिया जाता है। प्रोस्टेट कैंसर होने पर प्रोस्टेट ग्लैंड को निकाल दिया जाता है लेकिन हर तरह के कैंसर में सर्जरी की जरूरत नहीं होती है ब्लड कैंसर को सिर्फ दवाइयों से सही किया जा सकता है।
रेडीएशन:-इसमें कैंसर की जो सेल्स बढती है उन्हें रोका और मारा जाता है। कभी-कभी सिर्फ रेडीएशन या सर्जरी और कीमोथेरेपी के दौरान इससे इलाज किया जाता है। रेडीएशन में पूरे शरीर को एक्सरे मशीन में डाला जाता है। जिससे कैंसर सेल्स को खत्म किया जाता है।