मधुमेह रोगियों के लिए घरेलू उपचार क्या है ?

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मोटापा और मधुमेह आज के समय की दो सबसे बड़ी स्वास्थ्य समस्याएं हैं. अस्त-व्यस्त जीवनशैली, गलत खानपान इसके प्रमुख कारण हैं लेकिन लाइफस्टाइल और भोजन की आदतों में सुधार करके हम इन समस्याओं से बच सकते हैं.

मधुमेह में ब्लड शुगर का लेवल बहुत बढ़ जाता है जिससे शरीर की इंसुलिन उत्पादन क्षमता प्रभावित होने लगती है. कई बार ऐसा भी होता है कि शरीर सक्रिय रूप से इंसुलिन का इस्तेमाल ही नहीं कर पाता हैं.

मधुमेह को कंट्रोल करने के लिए सबसे जरूरी तो ये है कि आप अपने खानपान पर विशेष ध्यान दें और परहेज करें. इसके अलावा कई ऐसे घरेलू उपाय हैं जिनसे आप मधुमेह को कंट्रोल करके एक सामान्य जीवन जी सकते हैं.

मधुमेह

मधुमेह के रोगियों के लिए घरेलू  नुस्खे

विजयसार

विजयसार को ब्‍लड शुगर को कंट्रोल करने के लिए जाना जाता है. इस जड़ी-बूटी में मौजूद एंटी-हाइपरलिपेडिक गुण शरीर में कोलेस्ट्रॉल, लो डेंसिटी लिपोप्रोटीन और सीरम ट्राइग्लिसराइड के लेवल को कम करने में मददगार होते हैं. इसके अलावा, यह मधुमेह से जुड़े लक्षणों को कम करने में मदद करता है. इससे बार-बार पेशाब आना, ओवर ईटिंग और जलन शामिल है. यह पाचन तंत्र में सुधार करने और पैनक्रियाज में इंसुलिन उत्पादन स्तर को कंट्रोल करने में फायदेमंद होता है. मधुमेह के लिए विजयसार का इस्तेमाल इतना कठिन भी नहीं. आपको केवल टंबलर में पानी भरकर रातभर रखना है. सुबह सबसे पहले इस पानी को पीएं. आप पाउडर के रूप में भी विजसार का इस्‍तेमाल कर सकते हैं.

गिलोय

गिलोय, जिसे वैज्ञानिक रूप से टिनोस्पोरा कॉर्डिफोलिया कहा जाता है, को अमृता जिसे अमरत्व की जड़ माना जाता है, भी कहा गया है. इस पौधे की पत्तियां ब्‍लड शुगर के लेवल को स्थिर करने और मधुमेह मुख भूमिका निभाती हैं. यह इम्‍यूनिटी को बढ़ावा देने के लिए एक महान जड़ी बूटी है, इसमें मौजूद एंटीऑक्सिडेंट हानिकारक कणों से लड़ते हैं. यह जड़ी बूटी इम्यूनोमॉड्यूलेटरी के रूप में भी काम करती है, जो शरीर में ग्लाइकेमिक कंट्रोल करता है. यह एक प्राकृतिक एंटी-डाइबेटिक दवा है जो चीनी की इच्‍छा को दबाती है. इसके अलावा, यह पैनक्रिया के बीटा कोशिकाओं के उत्पादन को बढ़ाती है. यह ब्‍लड में इंसुलिन और ग्लूकोज के प्रभाव को स्‍मूथ करता है. गिलोय पाचन तंत्र में सुधार करने में भी मदद करता है, जो ब्‍लड शुगर के लेवल को कंट्रोल रखने में महत्वपूर्ण है. मधुमेह में फायदा लेने के लिए कैसे करें गिलोय का इस्‍तेमाल- एक गिलास पानी में इस जड़ी-बूटी के पाउडर या पत्तियों को डालकर रख दें. सुबह इसे छानकर पीएं.

गिलोय

सदाबहार

सदाबहार औषधिय गुणों से भरा है. सदाबहार का नाम पेरिविंकल भी है. सदाबहार आमतौर पर भारत में पाया जाता है. इसके फूलों और चिकने रंग के हरे पत्तों को टाइप- 2 मधुमेह के लिए प्राकृतिक चिकित्सा के रूप में जाना जाता है. मधुमेह में सदाबहार से लाभ लेने के लिए सदाबहार की पत्तियों का चबाना ही काफी है. इसके अलावा आप सदाबहार के फूलों को पानी में उबाल कर पानी छान लें. इस पानी को रोज खाली पेट सुबह-शाम लेने से आराम मिलता है.

गुड़मार

गुड़मार जिसका वानस्पतिक नाम जिमनेमा सिल्वेस्टर (Gymnema sylvestre) है, एक औषधीय पौधा है. यह एक सदाबहार बेल होती है. गुड़मार भारत, अफ्रीका और ऑस्ट्रेलिया में पाई जाती है. गुड़मार मधुमेह के लिए बहुत ही अच्छा साबित होता है. गुड़मार की पत्तियां चबाने के कुछ घंटों बाद तक आपको मीठे स्‍वाद का पता भी नहीं चलेगा. डायबिटीज में गुड़मार से फायदा उठाने के लिए दोपहर और रात के खाने के घंटे के बाद एक चम्‍मच गुड़मार पाउडर को पानी के साथ ले लें. आयुर्वेद के अनुसार गुड़मार शरीर में कार्बोहाइड्रेट के अवशोषण को कंट्रोल करने का काम करता है.

गुड़मार

तुलसी

पाचन तंत्र को दुरुस्त रखने वाली तुलसी की पत्तियां अग्नाशय की बीटा-कोशिकाओं की गतिविधियों को सुचारु बनाए रखती हैं। इससे ये कोशिकाएं सही मात्रा में इनसुलिन का उत्पादन करती हैं और ब्लड शुगर का स्तर काबू में रहता है। मधुमेह के रोगियों के लिए रोज सुबह खाली पेट 2 से 4 तुलसी पत्तियां चबाना फायदेमंद है।तुलसी के पत्तों में एंटीऑक्सीडेंट और एसेँशियल ऑयल होते हैं जो ब्लड शुगर को कंट्रोल रखने में मदद करते हैं। इसके लिए आप दिन में 2-3 पत्तों का सेवन  भी  कर सकते हैं।

आम की पत्तियां

मधुमेह के मरीजों को आम  के पत्तियों का सेवन करना चाहिए , इसकी पत्तियां बीमारी की रोकथाम में अहम भूमिका निभा सकती हैं। दरअसल, आम की पत्तियां ग्लूकोज सोखने की आंत की क्षमता घटाती हैं। इससे खून में शुगर का स्तर नियंत्रित रहता है। आम की पत्तियां सुखाकर पाउडर बना लें। खाने से एक घंटे पहले पानी में आधा चम्मच घोलकर पीएं।

दालचीनी

दालचीनी एक मसाला ही नहीं, बल्कि एक औषधि भी है। दालचीनी कैल्शियम और फाइबर का एक बहुत अच्छा स्रोत है। दालचीनी मधुमेह को सन्तुलित करने के लिए एक प्रभावी ओषधि है, इसलिए इसे गरीब आदमी का इंसुलिन भी कहते हैं। दालचीनी ना सिर्फ खाने का जायका बढ़ाती  है, बल्कि यह शरीर में रक्त शर्करा को भी नियंत्रण में रखता है। जिन लोगों को मधुमेह नहीं है वे इसका सेवन करके मधुमेह से बच सकते हैं। और जो मधुमेह के मरीज हैं वे इसके सेवन से ब्लड शुगर को कम कर सकते है। 1 कप पानी में दालचीनी पाउडर को उबालकर, छानकर रोजाना सुबह पियें। इसे कॉफी में भी मिलाकर पी सकते हैं। इसे सेवन करने से मधुमेह में लाभ होगा।

दालचीनी

ग्रीन-टी

टाइप 1 मधुमेह के रोगियों के लिए ग्रीन टी बहुत फायदेमंद होती है क्‍योंकि ग्रीन टी में एंटीआक्सीडेंट्स भरपूर मात्रा में पाये जाते हैं। जो शरीर को स्‍वस्‍थ रखने में मददगार होते हैं।  रोज कम से कम आधा कप ग्रीन टी पीने से टाइप 1 मधुमेह की बीमारी से आराम मिलता हैं

मेथी  के  दाने

प्रतिदिन 10 ग्राम मेथी दाने को गर्म पानी पीने से टाइप-2 मधुमेह को कंट्रोल किया जा सकता है। मेथी दाने का पानी इतना हेल्दी होता है कि इसे पीने से ब्लड शुगर लेवल कम होने लगता है। इसमें काफी मात्रा में फाइबर होता है जो पाचन क्रिया को तेज करता है। इसके साथ ही यह शरीर द्वारा शुगर के इस्तेमाल को भी बेहतर करता है।मेथी दाना का पानी बनाना बहुत ही आसान है। एक से डेढ़ चम्मच मेथी दानों को रात को एक गिलास में पानी डालकर भिगो दें। सुबह उठकर इस पानी को अच्छे से छान लें और फिर इसे खाली पेट पिएं। इससे शरीर का ब्लड शुगर लेवल नियत्रित रहता है और मधुमेह को कंट्रोल करने में मददगार है। मेथी में मौजूद गेलेक्टोमैनन नामक फाइबर, खून में शुगर के अवशोषण को कम करता है।

करेले का सेवन

करेला में मौजूद पोषक तत्व, आपके शरीर में रक्त में मौजूद शुगर के स्तर को कम करते है। इसका सेवन इंसुलिन के उत्पादन को भी बढ़ाता है। रोजाना सुबह एक गिलास करेला का जूस पीना फायदेमंद है।करेला में मौजूद कुछ विशेष संयोजन, जैसे कि पॉलीफेनोल्स और फ्लेवोनॉयड्स, डायबिटीज के उपचार में मदद कर सकते हैं। करेला खून भी साफ करता है।

करेले का सेवन

अलसी के बीज

अलसी का बीज में कई ऐसे गुण पाए जाते हैं, जो डायबिटीज को कंट्रोल करने में मदद करते हैं। इसका सेवन वेट लॉस में भी बहुत सहायक है। एक रिसर्च में पाया गया है कि अलसी के बीज का सेवन करने से डायबिटीज के मरीजों में शुगर की स्तर लगभग 28 प्रतिशत तक कम हो सकती है।

नीम

नीम की कड़वी पत्तियां डायबिटीज में रामबाण हैं. इसमें फ्लेवोनोइड्स, ट्राइटरपेनोइड्स, एंटीवायरल पदार्थ और ग्लाइकोसाइड्स पाए जाते हैं, जो ब्लड शुगर लेवल के कंट्रोल करने में मदद करते हैं. आप नीम पाउडर का इस्तेमाल भी कर सकते हैं. इसके लिए नीम की कुछ सूखी पत्तियों को ब्लेंडर में तब तक पीसें, जब तक वे चिकनी न हो जाएं. इसके बाद दिन में दो बार इस चूर्ण का इस्तेमाल करें.

जामुन

गर्मी का मौसम आ गया है तो जामुन भी अब बाजार में आ जाएंगे. जामुन को काला नमक लगा कर खाने से डायबिटीज़ की बीमारी कम हो सकती है. जामुन की गुठली को सूखा कर उसे पीस कर उसके पाउडर का इस्तेमाल भी डायबिटीज में गजब का असर दिखाता है. सुबह-शाम गुनगुने पानी में दो-दो चम्मच इस चूर्ण का सेवन करने से डायबिटीज में कमाल का फायदा होता है.
जामुन

अदरक

अगर आप प्रतिदिन अदरक का सेवन करते हैं तो यह ब्लड शुगर लेवल को मेंटेन करने का काम करता है. अदरक इंसुलिन को बैलेंस बनाता है. एक बर्तन में एक कप पानी और एक इंच अदरक डालकर 5 मिनट तक उबालें. इसे दिन में एक या दो बार पीने से डायबिटीज से छुटकारा मिल सकता है.

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