मधुमेह के रोगियों के लिए आहार चार्ट
यदि आप मधुमेह के शिकार हैं तो आपको प्रतिदिन लिए जाने वाले कुल आहार में लिए जाने वाले कैलोरी का कार्बोहाइड्रेट, वसा और प्रोटीन से क्रमशः 40 प्रतिशत, 40 प्रतिशत और 20 प्रतिशत खाद्य पदार्थों से लिया जाना चाहिए. लेकिन जो लोग मोटापे के शिकार हैं उनके लिए कुल कैलोरी का 60 प्रतिशत कार्बोहाइड्रेट से, 20 प्रतिशत फैट से व 20 प्रतिशत प्रोटीन से लेना चाहिए.
आहार नियंत्रण
मधुमेह के रोगियों के लिए अपने भोजन पर नियंत्रण रखना अत्यंत आश्यक है। कई बार इन्सुलिन लेने वाले मधुमेह के रोगियों को जो भोजन तालिका चिकित्सा द्वारा बतायी जाती है उसमें चाय एवं काफी का भी उल्लेख होता है। उन्हें सिर्फ क्रीम और शर्करा न लेने के लिए कहा जाता है। चाय और काफी का प्रयोग मधुमेह से ग्रस्त किसी भी व्यक्ति के लिए न करना ही श्रेयस्कर है, चाहे वह इन्सुलिन पर निर्भर हो अथवा नहीं। ये पदार्थ अच्छे स्वास्थ के निर्माण में सहायक नहीं होते हैं। ऐसे रोगियों को कई बार चिकित्सकों द्वारा डबलरोटी, अचार, अंडे आदि लेने की सलाह भी दी जाती है पर हमें यह ध्यान रखना चाहिए की ये पदार्थ मधुमेह के रोगी के लिए आवश्यक खाद्य पदार्थों की श्रेणी में नहीं आते हैं।
मधुमेह से ग्रस्त रोगियों को किसी भी वस्तु से अधिक ताजी, हरी सब्जियों की आवश्यकता होती है । प्रत्येक भोजन के साथ सलाद प्रचुर मात्रा में लिया जाना चाहिए । जब हम आधिक मात्रा में फल एवं सब्जियां लेते हैं तो शरीर में अधिक पानी पहूंचता है । यह गुर्दों एवं मूत्र उत्सर्जन तंत्र के लिए आवश्यक है । मधुमेह की स्थिति में हमें अपने गुर्दों एवं मूत्र उत्सर्जन तंत्र को अच्छी हालत में रखना चाहिए क्योंकी यह रोग गुर्दों पर एक प्रकार का तनाव डालता है । मधुमेह के रोगियों को मिठाई, चाय. काफी, मादक द्रव्यों तथा ध्रूमपान आदि को तुरंत बंद कर देने का प्रयास करना चाहिए । चर्बी और शर्करा दोनों में कमी आने से आश्चर्य और उत्साहवर्धक परिणाम सामने आते हैं ।
मधुमेह से ग्रस्त व्यक्ति को यह भलीभांति समझ लेना चाहिए है की यदि वह असमानता से खाना शुरू कर देगा तो शरीर उस भोजन के अनुकूल हो जाएगा । प्राय: देखा गया है कि अधिकांश व्यक्ति अपने वजन एवं शरीर के आकार-प्रकार को परिवर्तित करना नहीं चाहते । मधुमेह से ग्रस्त बहूत से व्यक्ति भोजन की अपनी आदतों के कारण ही पेट की तकलीफों, कब्ज तथा यकृत के विकारों सी पीड़ित रहते हैं ।
आहार नियंत्रण में उपयोगी बातें
मधुमेह के रोगियों को अपना आहार निर्धारण करते समय किन- किन बातों को ध्यान में रखना चाहिए –
मधुमेह के प्रत्येक रोगी का उद्येश्य यही होना चाहिए की वह अपनी रक्त शर्करा के स्तर को यथासम्भव नियंत्रण में रखे । आहार इस उद्येश्य की पूर्ति में अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है इसलिए मधुमेह के रोगी को अपने आहार का निर्धारण करे समय निम्नलिखित सिद्धांतों को आवश्यक रूप से ध्यान में रखना चाहिए ।
आहार संतुलित हो जिसमें प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट तथा वसा आदि प्रदान करने वाले तत्व आवश्यक मात्रा में हों ।
- शरीर के लिए आवश्यक विटामिन, खनिज लवण तथा फाइबर आदि पर्याप्त मात्रा में होना
- शरीर का वजन आदर्श बनाए रखने के लिए उपयुक्त कैलोरी आहार द्वारा शरीर को मिलती रहें ।
- मधुमेह की जटिलताएँ उत्पन्न होने पर उनका नियमन किया जाना संभव हो ।
- रोगी का आहार विविधता पूर्ण हो ताकि वह अच्छी तरह से ग्रहण किया जा सके । आहार नियंत्रण के नाम पर कड़वी चीजें खाते- खाते कई बार रोगियों को इससे आरूचि हो जाती है । अत: आहार निर्धारण में रोगियों की रुचि का ध्यान रखना भी अत्यंत आवश्यक हैं ।
मधुमेह के रोगी का आहार चार्ट
• सुबह 6 बजे – एक ग्लास पानी में आधा चम्मच मेथी पावडर डालकर पीजिए.
• सुबह 7 बजे – एक कप शुगर फ्री चाय, साथ में 1-2 हल्के शक्कर वाली बिस्कुट ले सकते हैं.
• नाश्ता / ब्रेकफास्ट – साथ आधी कटोरी अंकुरित अनाज और एक गिलास बिना क्रीम वाला दूध.
• सुबह 10 बजे के बाद – एक छोटा फल या फिर नींबू पानी.
• दोपहर 1 बजे यानी लंच – मिक्स आटे की 2 रोटी, एक कटोरी चावल, एक कटोरी दाल, एक कटोरी दही, आधी कटोरी सोया या पनीर की सब्जी, आधी कटोरी हरी सब्जी और साथ में एक प्लेट सलाद.
• शाम 4 बजे – बिना शक्कर या शुगर फ्री के साथ एक कप चाय और बिना चीनी वाला बिस्किट
• या टोस्ट या 1 सेब.
• शाम 6 बजे – एक कप सूप पिएँ
• डिनर – दो रोटियां, एक कटोरी चावल (ब्राउन राइस हफ्ते में 2 बार) और एक कटोरी दाल, आधी कटोरी हरी सब्जी और एक प्लेट सलाद.
• बिना क्रीम और चीनी के एक गिलास दूध पिएँ. ऐसा करने से अचानक रात में शुगर कम होने का खतरा नहीं होता.
• एक खास हिदायत मधुमेह के मरीजों को उपवास करने से बचना चाहिए. इसके अलावा भोजन के बीच लंबा गैप भी नही करना चाहिए और रात के डिनर में हल्का भोजन करना चाहिए. इसके अलावा नियमित रूप से योगा और व्यायाम करने से भी ब्लड शुगर नियंत्रित रहता है.
• दरारा पिसा हुआ मैथीदाना एक या आधा चम्मच खाना खाने के 15-20 मिनट पहले लेने से शुगर कंट्रोल में रहती है और इससे और भी कई अंगों को फायदा होता है.
• रोटी के आटे को बिना चोकर निकाले उपयोग में लाएं हर चाहें तो इसकी गुणवत्ता बढ़ाने के लिए इसमें सोयाबीन मिला लें.
• घी और तेल का दिनभर में कम से कम इस्तेमाल करें.
• सभी सब्जियों को कम से कम तेल का प्रयोग करके नॉनस्टिक कुकवेयर में पकाएं. हरी पत्तेदार सब्जियां ज्यादा से ज्यादा खाएं.
• मधुमेह रोगी को खाने से लगभग 1 घंटा पहले अच्छी स्पीड पैदल चलना चाहिए और साथ ही व्यायाम और योगा भी करें. सही समय पर इंसुलिन व दवाइयां लेते रहें. नियमित रूप से चिकित्सक के पास जांच कराएं.
• इसके साथ मधुमेह के मरीज को प्रोटीन अच्छी मात्रा में व उच्च गुणवत्ता वाला लेना चाहिए. इसके लिए दूध, दही, पनीर, अंडा, मछली, सोयाबीन आदि का सेवन ज्यादा करना चाहिए. इंसुलिन ले रहे मधुमेह व्यक्ति एवं गोलियां ले रहे मधुमेह व्यक्ति को खाना सही समय पर लेना चाहिए. ऐसा न करने पर हायपोग्लाइसीमिया हो सकता है. इसके कारण कमजोरी, अत्यधिक भूख लगना, पसीना आना, नजर से धुंधला या डबल दिखना, हृदयगति तेज होना, झटके आना एवं गंभीर स्थिति होने पर कोमा में जाने जैसी विपत्ति का भी सामना करना पड़ सकता है.
• मधुमेह व्यक्ति को हमेशा अपने साथ कोई मीठी चीज जैसे ग्लूकोज, शक्कर, चॉकलेट, मीठे बिस्किट रखना चाहिए. यदि हायपोग्लाइसीमिया के लक्षण दिखें तो तुरंत इनका सेवन करना चाहिए. एक सामान्य मधुमेह व्यक्ति को ध्यान रखना चाहिए कि वे थोड़ी-थोड़ी देर में कुछ खाते रहें. दो या ढाई घंटे में कुछ खाएं. एक समय पर बहुत सारा खाना न खाएं.
• मधुमेह पीड़ितों को नियमित रूप से डबल टोन्ड दूध का ही इस्तेमाल करना चाहिए. इसके साथ ही ये भी ध्यान रखें कि आपके खाद्य पदार्थों में कैलोरी की मात्रा कम से कम हो. इसके लिए आप छिलका युक्त भुना हुआ चना, परमल, गेहूं या मूंग आदि कोई अंकुरित अनाज, सूप और सलाद इत्यादि का भरपूर इस्तेमाल करें. बताते चलें कि दही या छाछ के इस्तेमाल से ग्लूकोज की मात्रा में कमी आती है.