डायबिटीज से बचना है तो खाए ब्राउन राईस

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चावल में कैलोरी की मात्रा बहुत अधिक होती है. ऐसे में कई बार लोग इसे खाने से परहेज करते हैं. खासतौर पर वो लोग जिन्हें डायबिटीज की शिकायत है. लेकिन अगर आपको चावल खाना पसंद है और हेल्थ की वजह से आप चावल नहीं खा पा रहे हैं तो ब्राउन राइस आपके लिए बेहतर विकल्प रहेंगे.

मधुमेह के जोखिम वाले लोगों को अपने आहार में कार्बोहाइड्रेट की मात्रा पर ध्यान देना चाहिए और परिष्कृत कार्बोहाइड्रेट को साबुत अनाज से बदल देना चाहिए।

दरअसल डायबिटीज के रोगियों के लिये खाने पीने में बड़ी समस्या होती है। लेकिन इनके लिये ब्राउन राइस को बहुत अच्‍छा माना जाता है। मगर समस्या ये है कि  हमें यह नहीं मालूम होता कि ब्राउन राइस को अपनी डेली डाइट में कैसे व्हाइट राइस को कम कर ब्राउन को शामिल किया जाए। ब्राउन राइस में फ्राइबर होता है जो मधुमेह के साथ-साथ कैंसर के खतरे को कम करता है और अतिरिक्त वजन को भी कम करता है। ब्राउन राइस को बिना पॉलिश का चावल भी कहाते हैं। ब्राउन राइस को व्हाइट राइस की तरह प्रोसेस नहीं किया जाता बल्कि सिर्फ बाहरी छिलके उतारे जाते हैं। इसलिये चावल में मौजूद भूसी वैसी की वैसी ही रहती है। ब्राउन राइस में प्रचुर मात्रा में फाइबर, विटामिन और मिनरल होते हैं। ब्राउन राइस में लगभग 300 एन्‍जाइम्‍स होते है जो शरीर में ग्‍लूकोज और इंसुलिन की मात्रा को बनाएं रखते है। तो यदि आप चाहते हैं कि आपका कॉलेस्ट्रॉल लेवल सही बना रहे तो सफेद चावल की जगह ब्राउन राइस खाने की आदत डालें।

मधुमेह

यदि आप हर सप्ताह सफेद चावल के दो सामान्य सर्विंग्स खाते हैं, तो सफेद चावलों की जगह ब्राउन राइस खाना शुरू करने से टाइप 2 मधुमेह का खतरा 16 प्रतिशत तक कम होता है। और वहीं यदि आप इन सफेद चावल की सर्विंग की जगह साबुत अनाज खाएं तो टाइप 2 मधुमेह का खतरा 36 प्रतिशत तक कम होता है।

भारत में हुए एक और ट्रायल के दौरान अधिक वजन / मोटापे से ग्रस्त व्यक्तियों में जब सफेद चावल के सेवन की तुलना ब्राउन राइस से की गई तो, पाया गया कि इन लोगों में सफेद की जगह ब्राउन का सेवन करने से ग्लूकोज का स्तर और सीरम इंसुलिन में कभी आई।

पहले जानें क्यों खास है ब्राउन राइस

नेशनल लाइब्रेरी ऑफ़ मेडिसिन द्वारा प्रकाशित अध्ययन के अनुसार ब्राउन राइस में प्रोटीन, फाइबर, मैंगनीज, मैग्नीशियम, सेलेनियम, फॉस्फोरस, विटामिन b1 और विटामिन B6 की भरपूर मात्रा मौजूद होती है। यह सभी पोषक तत्व इसे खास बनाते हैं। ब्राउन राइस पाचन में आसान होने के साथ डायबिटीज वेट लॉस के साथ ही अन्य शारीरिक समस्याओं का भी एक बेहतरीन उपचार है।

ब्राउन राईस

क्या है ब्राउन राइस का ग्लाइसेमिक इंडेक्स

खाद्य पदार्थ का ग्लाइसेमिक इंडेक्स (जीआई) यह मापता है कि यह खाद्य स्रोत ब्लड शुगर लेवल को कितना बढ़ा सकता है। साथ ही यह बताता है कि डायबिटीज से पीड़ित लोगों को क्या खाना चाहिए और क्या नहीं। उच्च जीआई वाले खाद्य पदार्थ मध्यम या निम्न जीआई वाले खाद्य पदार्थों की तुलना में ब्लड शुगर लेवल के स्तर को अधिक और तेजी से बढ़ाते हैं। वहीं मध्यम और निम्न जीआई वाले खाद्य पदार्थों का अधिक सेवन भी ब्लड शुगर लेवल को प्रभावित कर सकता है। ब्राउन राइस का ग्लाइसेमिक इंडेक्स 55 होता है। व्हाइट राइस की तुलना में ब्राउन राइस का सेवन अधिक फायदेमंद रहेगा।

यहां जानें डायबिटीज में व्हाइट राइस से कैसे बेहतर है ब्राउन राइस

नेशनल लाइब्रेरी ऑफ़ मेडिसिन द्वारा प्रकाशित अध्ययन के अनुसार डायबिटीज की स्थिति में व्हाइट राइस की तुलना में ब्राउन राइस का सेवन अधिक फायदेमंफ रहेगा। व्हाइट राइस में कार्बोहाइड्रेट की उच्च मात्रा मौजूद होती है साथ ही इसका ग्लाइसेमिक इंडेक्स भी अधिक होता है, जो ब्लड शुगर लेवल में तेजी से स्पाइक्स का कारण बनता है।

यह डायबिटीज के जोखिम को भी बढ़ा देता है। ब्राउन राइस का ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है, साथ ही यह धीरे-धीरे पचता है, जिससे ब्लड शुगर लेवल में हल्का परिवर्तन होता है।

सफेद चावल और अन्य कार्बोहाइड्रेट से युक्त खाद्य पदार्थ जैसे कि सफेद ब्रेड दुनिया भर में तरह तरह के व्यंजनों को बनाने में इस्तेमाल किया जाता है। चीन में अत्यधिक पॉलिश किए गए सफेद चावल को संपन्नता और ब्राउन राइस को गरीबी के प्रतीक के रूप में देखा जाने लगा है।

जानें डायबिटीज में कैसे ब्राउन राइस होता है फायदेमंद 

नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन द्वारा प्रकाशित अध्ययन के अनुसार फाइबर से भरपूर ब्राउन राइस का सेवन टाइप 2 डायबिटीज और मोटापे से ग्रसित लोगों के लिए फायदेमंद होता है। इसे खाने के बाद ब्लड शुगर का स्तर सामान्य रहता है या बदलाव काफी धीमा होता है। डायबिटीज कंट्रोल करने के लिए सबसे जरूरी है ब्लड शुगर लेवल पर ध्यान देना।

पब मेड सेंट्रल द्वारा टाइप 2 डायबिटीज वाले 16 वयस्कों पर अध्ययन किया गया। सफेद चावल खाने वालों की तुलना में ब्राउन राइस की 2 सर्विंग खाने से खाने के बाद के ब्लड शुगर लेवल को घटता हुआ पाया गया।

एक दूसरे शोध में टाइप 2 डायबिटीज से पीड़ित 28 वयस्कों को 8 हफ्ते के लिए अध्ययन में शामिल किया गया। उन्हें हफ्ते में कम से कम 10 बार ब्राउन राइस खाने को कहा गया। परिणामस्वरूप उनके ब्लड शुगर के स्तर और एंडोथेलियल फंक्शन में महत्वपूर्ण सुधार देखने को मिला। ब्राउन राइस वेट मैनेज करते हुए ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रण रखने में मदद करता है।

ब्राउन राईस खाने के फायदे

वजन घटना

ब्राउन राइस में तुलनात्मक रूप से कम कैलोरी होती है. लेकिन इसमें फाइबर की भरपूर मात्रा होती है जिससे मेटाबॉलिजम बेहतर होता है. अगर आप वजन घटाने की सोच रहे हैं तो ब्राउन राइस खाना आपके लिए फायदेमंद रहेगा.

पेट की चर्बी

कोलेस्ट्राल लेवल  कम करने  में  सहायक

कोलेस्ट्रॉल लेवल बढ़ जाने से दिल से जुड़ी बीमारियों के होने की आशंका काफी बढ़ जाती है. ब्राउन राइस कोलेस्ट्रॉल लेवल को कम करने में मददगार है. इससे धमनियां ब्लॉक नहीं होती हैं और दिल से जुड़ी बीमारियों  के  हो जाने  का  खतरा  कम  हो जाता है

हड्डियों  की  मजबूती के  लिए

ब्राउन राइस में मैग्नीशियम की अच्छी मात्रा पायी जाती है. मैग्नीशियम हड्डियों के लिए आवश्यक तत्व है.

ब्राउन राइस डायबिटीज के मरीजों के लिए क्यों अच्छा है?

यदि किसी मरीज को चावल ज्यादा पसंद है तो वह सफेद चावल की जगह ब्राउन राइस का इस्तेमाल कर सकता है क्योंकि सफेद चावल के मुकाबले ब्राउन राइस में विटामिन, मिनरल और फोलेट अधिक मात्रा में पाए जाते हैं जिस इंसान को काफी फायदा होता है।

ब्राउन राइस में फाइबर की मात्रा बहुत अधिक होती है जिसके कारण ब्राउन राइस अधिक वजन वाले लोगों के साथ-साथ टाइप 2 डायबिटीज वाले लोगों में भोजन के बाद रक्त शुगर के स्तर को काफी कम कर देता है। ब्राउन राइस में मैग्नीशियम की मात्रा भरपूर होती है इस वजह से यह सफेद चावल के मुकाबले डायबिटीज के मरीज के लिए कम नुकसानदेह होते हैं।

टाइप टू डायबिटीज वाले कुछ जवानों में एक अध्ययन में ब्राउन राइस की दो सर्विंग खाने के बाद रक्त शर्करा किस तरह और हीमोग्लोबिन के स्तर में समान मात्रा में सफेद चावल खाने की तुलना में उल्लेखनीय कमी आई।

इसे पता चलता है कि ब्राउन राइस व्हाइट राइस से बेहतर है और डायबिटीज के मरीजों के लिए काफी फायदेमंद भी। पर मरीजों को इस बात का भी ख्याल रखना चाहिए कि सफेद हो या फिर ब्राउन राइस जरूरत से ज्यादा सेवन दोनों का ही नुकसानदायक है।

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