बच्चो में मधुमेह के लक्षण क्या है ?

1

डायबिटीज के लक्षण, निदान और इलाज, बच्चों और वयस्कों  डायबिटीज मैलिटस (DM)) में समान होते हैं। हालांकि, हो सकता है कि बच्चों में डायबिटीज का प्रबंधन अधिक जटिल हो। यह बच्चे की शारीरिक और भावनात्मक परिपक्वता के स्तर और खाना खाने, शारीरिक गतिविधि और तनाव में लगातार बदलाव के मुताबिक होना चाहिए।

-diabetes_in_children

बच्चों और किशोर उम्र के बच्चों में डायबिटीज के लक्षण

ब्लड ग्लूकोज़ का उच्च स्तर विभिन्न प्रकार के तुरंत दिखने वाले लक्षणों और लंबे समय की जटिलताओं का कारण बनता है।

डायबिटीज टाइप 1

लक्षण टाइप 1 डायबिटीज में तेज़ी से विकसित होते हैं, आमतौर पर कई दिनों से हफ़्तों में, और एक विशिष्ट पैटर्न में दिखाई देते हैं। ब्लड ग्लूकोज़ का स्तर ज़्यादा होने से, बच्चे को बहुत ज़्यादा पेशाब आने की बीमारी हो जाती है। बच्चे बिस्तर गीला कर सकते हैं या दिन में भी पेशाब को रोक नहीं पाते हैं। जो बच्चे टॉयलेट के मामले में प्रशिक्षित नहीं हैं उनमें बिस्तर या डायपर गीला करने की समस्या बढ़ सकती है। तरल पदार्थ के निकल जाने से प्यास में वृद्धि और तरल पदार्थों के सेवन की तलब इसका कारण बनती है। लगभग आधे बच्चों का वज़न कम हो जाता है और उनका विकास बाधित होता है। कुछ बच्चों में पानी की कमी हो जाती है, जिसके कारण कमजोरी, थकान होती है और नब्ज़ की गति तेज़ हो जाती है। बच्चों के खून में कीटोन (वसा के टूटने से बनने वाले उप-उत्पाद) के कारण भी मतली और उल्टी हो सकती है। दृष्टि धुंधली हो सकती है। अगर लक्षणों की पहचान डायबिटीज होने के कारण के रूप में नहीं की जाती है और इलाज नहीं किया जाता है, तो हो सकता है कि बच्चों में डायबेटिक कीटोएसिडोसिस विकसित हो जाए।

टाइप १ डायबिटीज
टाइप १ डायबिटीज

डायबिटीज टाइप 2

कई बच्चों में किसी भी तरह का कोई लक्षण नहीं होता या सिर्फ़ हल्के लक्षण होते हैं, और डॉक्टर टाइप 2 डायबिटीज का निदान सिर्फ़ तभी करते हैं, जब खून या पेशाब टेस्ट अन्य कारणों (जैसे कि खेल खेलने से पहले या शिविर में जाने से पहले) से किया जाता है। टाइप 2 डायबिटीज वाले बच्चों में लक्षण, टाइप 1 डायबिटीज वाले बच्चों की तुलना में हल्के होते हैं और धीरे-धीरे विकसित होते हैं। माता-पिता को बच्चे को प्यास लगने और बार-बार पेशाब की तलब या थकान जैसे सिर्फ़ अस्पष्ट लक्षण दिखाई दे सकते हैं। टाइप 2 डायबिटीज वाले बच्चों में टाइप 1 डायबिटीज वाले बच्चों की तुलना में, कीटोएसिडोसिस या गंभीर डिहाइड्रेशन होने की संभावना कम होती है।

बच्चों और किशोरों में डायबिटीज की जटिलताएं

डायबिटीज तुरंत दिखने वाली जटिलताओं और लंबे समय में उभरने वाली जटिलताओं का कारण बन सकता है। सबसे गंभीर तुरंत दिखने वाली जटिलता डायबेटिक कीटोएसिडोसिस है।

लंबे समय से चली आ रही जटिलताओं की वजह आमतौर पर मानसिक स्वास्थ्य या खून की नलियों की समस्याएं होती हैं। हालांकि रक्त वाहिकाओं की समस्याओं को विकसित होने में वर्षों लग जाते हैं, डायबिटीज का नियंत्रण जितना बेहतर होगा, जटिलताओं की संभावना उतनी ही कम होगी।

डायबेटिक कीटोएसिडोसिस (DKA)

टाइप 1 डायबिटीज वाले लगभग एक-तिहाई बच्चों में निदान के समय डायबेटिक कीटोएसिडोसिस मौजूद होता है। ज्ञात टाइप 1 डायबिटीज वाले बच्चों में भी डायबेटिक कीटोएसिडोसिस आम है। आमतौर पर, हर साल यह टाइप 1 डायबिटीज वाले लगभग 1 से 10% बच्चों में विकसित होता है, क्योंकि इन बच्चों ने अपना इंसुलिन नहीं लिया है या उन्हें इंसुलिन के बहाव (उदाहरण के लिए, उनके इंसुलिन पंप में समस्या) में समस्या आ रही है। अगर बच्चों को बीमारी के दौरान पर्याप्त इंसुलिन नहीं मिलता है (बीमार होने पर, बच्चों को अधिक इंसुलिन की आवश्यकता होती है), तो डायबेटिक कीटोएसिडोसिस भी हो सकता है। इंसुलिन के बिना, कोशिकाएं खून में मौजूद ग्लूकोज़ का उपयोग नहीं कर सकती हैं। कोशिकाएँ ऊर्जा प्राप्त करने और वसा को तोड़ने के लिए सहायक तंत्र को चालू करती हैं, उप-उत्पादों के रूप में कीटोन नाम के यौगिकों का उत्पादन करती हैं।

कीटोन, खून को बहुत ज़्यादा अम्लीय (कीटोएसिडोसिस) बना देते हैं, जिससे मतली, उल्टी, थकान और पेट में दर्द होता है। कीटोन, बच्चे की सांसों से नेल पॉलिश रिमूवर की तरह महकता है। जब शरीर खून की अम्लता ( देखें अम्ल-क्षार संतुलन का विवरण) को ठीक करने की कोशिश करता है, तो सांसें गहरी और तेज़ हो जाती हैं। कुछ बच्चों को सिरदर्द होता है और वे भ्रमित या कम सतर्कता में कमी हो सकती है। ये लक्षण दिमाग (सेरेब्रल एडिमा) में द्रव के इकट्ठा होने के कारण हो सकते हैं। जब डायबेटिक कीटोएसिडोसिस का इलाज नहीं किया जाता है, तब इसकी वजह से कोमा और मृत्यु हो सकती है। डायबेटिक कीटोएसिडोसिस वाले बच्चे भी डिहाइड्रेटेड हो जाते हैं और अक्सर खून में अन्य रासायन असंतुलित हो जाते हैं, जैसे पोटेशियम और सोडियम के स्तर असामान्य हो जाते हैं।

मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं

डायबिटीज वाले बच्चों में मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं बहुत आम हैं। आधे से ज़्यादा बच्चों में डिप्रेशन, चिंता या अन्य मनोवैज्ञानिक समस्याएं ( देखें बच्चों और किशोरों में मानसिक स्वास्थ्य विकार के बारे में खास जानकारी) विकसित होने लगती हैं। चूँकि इंसुलिन वज़न बढ़ाने का कारण बन सकता है, इसलिए किशोरों में इटिंग डिसऑर्डर एक गंभीर समस्या है, जिसमें कभी-कभी वे अपने वज़न को नियंत्रित करने की कोशिश में इंसुलिन की खुराक नहीं लेते हैं। मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं बच्चों की भोजन योजना और दवा के नियमों का पालन करने की क्षमता को प्रभावित कर सकती हैं, जिसका मतलब यह है कि उनका ब्लड ग्लूकोज़ बुरे तरीके से नियंत्रित होता है।

खून की नली संबंधी समस्याएं

डायबिटीज आखिरकार छोटी और बड़ी खून की नलियों के संकुचन का कारण बनता है। संकुचन कई अलग-अलग अंगों को नुकसान पहुंचा सकता है। हालाँकि, डायबिटीज शुरू होने के कुछ सालों के अंदर ही, खून की नलियों में संकुचन होना शुरू हो जाता है, शरीर के अंगों में समस्या आमतौर पर सालों बाद तक स्पष्ट नहीं होती है और बचपन के दौरान शायद ही कभी मौजूद होती है।

खून की छोटी नलियों की समस्या, अक्सर आँखों, गुर्दे और तंत्रिकाओं को प्रभावित करती है। आँखों की रक्त वाहिकाओं को होने वाले नुकसान से नज़र में खराबी (डायबिटीज रेटिनोपैथी) का कारण बन सकती है। किडनी को नुकसान (जिसे डायबिटिक नेफ़्रोपैथी कहते हैं) के कारण किडनी खराब हो सकती है। नसों में खराबी (जो डायबिटिक न्यूरोपैथी कहलाता है) के कारण हाथ और पैरों में सुन्नता, झुनझुनी या जलन हो सकती है। ये समस्याएँ उन बच्चों में ज़्यादा होती हैं जिन्हें टाइप 1 डायबिटीज की तुलना में टाइप 2 डायबिटीज होता है। जिन बच्चों को टाइप 2 डायबिटीज होता है उनमें हो सकता है कि ये समस्याएँ निदान के समय या उससे पहले भी उपस्थित हों।

बड़ी रक्त वाहिकाओं को होने वाले नुकसान में अक्सर दिल और दिमाग की धमनियाँ शामिल होती हैं। हृदय तक जाने वाली धमनियों के सिकुड़ने से दिल का दौरा पड़ सकता है। दिल की धमनियों के सिकुड़ने से आघात हो सकता है। दिल का दौरा और आघात आमतौर पर बचपन में नहीं होता है।

समय रहते हुए आपने डायबिटीज के लक्षणों को चिन्हित कर लिया तो आप अपने बच्चे को डायबिटीज का शिकार बनने से रोक सकते हैं। ऐसे पहचानिए बच्चों में डायबिटीज के लक्षण…

1. बार-बार भूख लगना

अगर बच्चे को सामान्य स्थिति के बजाय ज्यादा भूख महसूस होने लगा है तो इस लक्षण को नजरंदाज नहीं करना चाहिए। दरअसल इस बीमारी के चलते वे जो कुछ भी खाते हैं वह ऊर्जा में बदल नहीं पाता है और उनको ज्यादा भूख लगने लगती है।

2. वजन कम हो जाना

अगर बच्चा अच्छे से खाना खा रहा है लेकिन उसके वजन में कमी हो रही है तो ये भी डायबिटीज का एक लक्षण हो सकता है।

पेट की चर्बी

3. बार-बार पानी पीना

ज्यादा प्यास लगना  शरीर में शुगर का लेवल बढ़ जाने से भी ज्यादा प्यास लगती है।

4. बार-बार पेशाब लगना

जैसा की हमने ऊपर बताया कि डायबिटीज की वजह से बच्चा बहुत पानी पीने लगता है तो स्वाभाविक है कि पेशाब भी बार-बार करेगा। हालांकि इसको लेकर परेशान ना हो क्योंकि हो सकता है कि ये शुरूआती लक्षण हो लेकिन अगर ये लक्षण नजर आएं तो सतर्क हो जाएं।

5. थकावट महसूस होना

अगर आपका बच्चा बहुत ज्यादा थकावट महसूस करे तो भी सावधान हो जाएं। क्युकी इंसुलिन की कमी के चलते शरीर को ऊर्जा मिल नहीं पाती है तो इसलिए थकावट महसूस होती है।

6. स्वभाव में बदलाव

डायबिटीज से पीड़ित बच्चों का मूड अचानक से परिवर्तित होने लगता है। चिड़चिड़ापन या उदासीपन महसूस करने लगते हैं।

7. शरीर के घाव का जल्दी न भरना

शरीर के घाव अगर जल्दी नहीं भर रहे हों या फिर बार-बार हो रहे हों तो भी सतर्क हो जाएं।

About Author

1 thought on “बच्चो में मधुमेह के लक्षण क्या है ?

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *